ईंट उठाने वाला लड़का
एक 12 साल का लड़का रोज़ स्कूल के बाद निर्माण स्थल पर काम करता था। वह ईंटें उठाता था, और उससे मिलने वाली थोड़ी सी कमाई से अपने परिवार का पेट पालता था। उसके कपड़े फटे हुए होते थे, लेकिन उसकी आंखों में एक अलग चमक होती थी।
एक दिन इंजीनियर साहब ने उससे पूछा, "तू इतना छोटा है, फिर भी इतनी मेहनत क्यों करता है?" लड़के ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "मैं एक दिन इसी तरह की इमारत खुद बनाऊंगा। अभी मैं सिर्फ ईंटें उठाता हूँ, पर एक दिन मैं इंजीनियर बनूंगा।"
सालों बाद वही लड़का उसी साइट पर बतौर इंजीनियर लौटा। लोगों को यकीन नहीं हुआ कि यह वही बच्चा है जो कभी मजदूरी करता था। उसकी मेहनत और सपनों ने उसे वहां तक पहुंचाया।
सीख: हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादे मजबूत हों, तो इंसान अपनी मंज़िल तक ज़रूर पहुंचता है।
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