जुनून की उड़ान (चित्र लिंक नीचे दिया गया है) चित्र लिंक: i.imgur.com/EBaXKog.jpeg आरव एक निर्धन परिवार से था, परंतु उसका सपना था कि वह एक दिन आकाश में उड़ान भरे — एक पायलट बनकर। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उसका सपना अडिग रहा। जब साथी समय बिताते थे, वह रनवे के समीप बैठकर विमानों को उड़ता हुआ देखता। लोग हँसते थे, ताने मारते — “तेरे जैसे लोग तो ज़मीन पर ही चलते हैं।” पर आरव कहता — “मैं ज़मीन से जुड़ा हूँ, परंतु मेरे सपने आकाश से भी ऊँचे हैं।” उसने दिन-रात पढ़ाई की, छोटे-मोटे कार्य किए, और अंततः एक छात्रवृत्ति प्राप्त की। वह एक विमान प्रशिक्षण विद्यालय में पहुँच गया। वर्षों के अभ्यास के बाद, आज वही आरव एक वाणिज्यिक विमानचालक है। सीख: यदि सपना महान हो और लगन सच्ची हो, तो भाग्य भी सिर झुकाता है।
